ये है हरियाणा की खजाने वाली रहस्यमयी बावड़ी, दिन ढलते जाना यहाँ है मना
रोहतक :- हरियाणा मे विभिन्न ऐतिहासिक धरोहरे एवं स्थल आज भी मौजूद है. इनको देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. इसके अलावा प्रदेश में कई रहस्यमयी इमारते और तालाब भी स्थित है, जिनके बारे में केवल कुछ ही लोग जानते हैं आज हम आपको एक ऐसी रहस्यमयी बावड़ी बारे में बताने जा रहे है, जो अपने आप मे बेहद ही खास इतिहास संजोय हुए है. जिसके बारे में लोगों की भिन्न- भिन्न धारणाएं है, कुछ लोग इस बावड़ी को Haunted भी मानते हैं.
शाहजहां के सूबेदार ने करवाया बावड़ी का निर्माण
हरियाणा के रोहतक जिले में 1658- 59 ई. में मुगल राजा शाहजहां के सूबेदार सुद्दों कलाल ने एक बावड़ी का निर्माण करवाया था. जिसे आज महम की बावड़ी या ज्ञानी चोर की बावड़ी के नाम से भी जाना जाता है. इस बावड़ी से कई ऐसी कहानियां भी जुड़ी हुई है, जिन पर विश्वास करना काफी मुश्किल भरा हो जाता है. लोगों का मानना है कि इस बावड़ी बहुत सारी ऐसी रहस्यमी सुरंगे भी है. मान्यता है कि जो इन सुरंगों में जाते हैं वो कभी लौट कर वापस नहीं आ पाते.
बावड़ी में छिपा अरबों का खजाना
बताया जाता है कि इस बावड़ी के अंदर एक कुआँ भी बना हुआ है जिसमें उतरने के लिए लगभग 100 सीढ़ियों का निर्माण किया गया है. वहीं इस बावड़ी के अंदर कई कमरे भी हुआ करते थे. इसके अलावा लोगों का मानना है कि इस बावड़ी में अरबों का खजाना छिपा हुआ है, परंतु अभी तक इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल पाया है. इस बावड़ी को बेहद ही डरावनी माना जाता है, शाम ढलने के बाद इस बावड़ी में न जाने की सलाह दी जाती है.
सूरज ढलने के बाद अंदर जाना माना जाता है खतरनाक
इस बावड़ी से शातिर चोर की कहानी भी जुड़ी हुई है. लोगों का कहना है कि काफी समय पहले यहां पर ज्ञानी नामक एक चोर रहता था जो धनी लोगों का खजाना लूटकर यहां लाता था, और फिर खजाने सहित इस कुएं में कूदकर गायब हो जाता था. उसके बाद किसी को पता नहीं चलता की वह कहा गया. माना जाता है कि बावड़ी की जितनी जमीन ऊपर दिखाई देती है उससे भी कही ज्यादा जमीन पानी के अंदर स्थित है. कहा जाता है कि सूरज ढलने के बाद इस बावड़ी में जाना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.