अगर पंचायतों को अधिकार देने नहीं थे, तो चुनाव क्यों कराए ?-दीपेंद्र हुड्डा
जींद :- सांसद दीपेंद्र हुड्डा शनिवार को जींद मिनी सचिवालय पर ई टडरिंग के विरोध में चल रहे सरपंचों के धरने पर पहुंचे उन्होंने ई टेंडरिंग के नाम पर पंचायतों से अधिकार छीन कर अफसरों के हवाले करने के कदम का विरोध करते हुए सरपंचों की मांग का पूर्ण समर्थन किया है. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अगर पंचायतों को अधिकार ही नहीं दिए तो इन चुनाव को करवाने का क्या फायदा था. सरकार के इस फैसले से न सिर्फ भ्रष्टाचार बढ़ेगा बल्कि पंचायतें अपने स्तर पर गली नाली तक नहीं बनवा पाएंगे. जिससे गांव का विकास पूरी तरह से ठप हो जाएगा.
सरकार पंचायतों को अफसरशाही का गुलाम बनाना चाहती है- दीपेंद्र हुड्डा
दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा सरकार से यह फैसला अभिलंब रद्द करने की मांग करते हुए कहा है. कि सरकार पंचायतों को अफसरशाही का गुलाम बनाना चाहती है. सरपंचों से गांव में विकास कार्य करवाने का अधिकार छीन रही है. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि भाजपा जजपा सरकार गांव में विकास को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और ही है.
विकास से वंचित करने और भ्रष्टाचार का केंद्रीकरण करने का सीधा जरिया
मात्र दो लाख की धनराशि से गांव का विकास नहीं हो सकता है. क्योंकि जमीनी स्तर पर पंचायतें गांव के विकास को गति देती है. ऐसे में प्रदेश सरकार अफसरों के माध्यम से चुने हुए सरपंचों से गांव में विकास कार्य करवाने का अधिकार छीन कर लोकतांत्रिक व्यवस्था को तार-तार कर रही है. ई टेंडरिंग व्यवस्था गांव को विकास से वंचित करने और भ्रष्टाचार का केंद्रीकरण करने का सीधा जरिया है. यही कारण है कि प्रदेश भर में सरपंच धरना प्रदर्शन कर सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं.
सरकार सरपंचों को ईमानदारी व प्रदर्शित का पाठ न पढ़ाएं
उन्होंने कहा कि नगर निगम नगर पालिका b&r खनन आदि समेत सभी सरकारी विभागों में e-tendering लागू है, लेकिन मौजूदा सरकार में कोई ऐसा विभाग नहीं बचा है जिसमें भ्रष्टाचार चरम पर ना हो. आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी भाजपा सरकार सरपंचों को ईमानदारी व प्रदर्शित का पाठ न पढ़ाएं. शराब घोटाला रजिस्ट्री घोटाला खनन घोटाला भर्ती घोटाला धान घोटाला सफाई घोटाला समेत दर्जनों घोटालों की लंबी लिस्ट है, जिसमें आज तक किसी भी जिम्मेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.