औंधे मुँह गिरा हरियाणा सरकार का विकास, पिछड़े जिलों की सूची में देश में चौथे स्थान पर पहुंचा नूँह
मेवात :- देश में शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े पिछड़े जिलों का निरीक्षण किया गया. देश के करीब 114 पिछड़े जिलों की सूची तैयार की गई। इस सूची में हरियाणा राज्य का नूंह जिला भी शामिल है। नूंह जिले के उत्थान के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार तरह-तरह के प्रयास कर रही है, फिर भी आज नूंह देश के पिछड़े जिलों में चौथे नंबर पर आ गया है. यह रैंकिंग अक्टूबर माह में की गई थी।
पिछड़ेपन में मेवात चौथे नंबर पर रहा
आपको बता दें कि हाल ही में अक्टूबर माह में हुई डेल्टा रैंकिंग में हरियाणा के नूंह जिले को देश के पिछड़े जिलों में चौथा स्थान मिला है. जबकि शुरुआत में यह देश भर के 114 पिछड़े जिलों की सूची में आखिरी पायदान पर था। इसके अलावा अगर ऑल परफॉर्मेंस में अलग-अलग क्षेत्रों की बात करें तो यह जिला शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में पहले 10वें स्थान पर शामिल है। नूंह जिले को हर क्षेत्र में ऊपर उठाने के लिए हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार संयुक्त प्रयास कर रही है।
शिक्षा के क्षेत्र में भी विशेष ध्यान दिया जाता था
जिला उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षा विभाग में शिक्षकों की कमी थी, जिसे पूरा करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती थी. लेकिन एनजीओ के जरिए शिक्षा सहायकों की मदद से उन्होंने देश में दूसरा मुकाम हासिल किया था। शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने कुछ शिक्षकों का तबादला कर नूंह में पदस्थापन किया। इसके अलावा 500 पीआरटी व 125 टीजीटी शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। शिक्षकों की कमी को पूरा करने के बाद शिक्षा रैंकिंग में काफी उछाल आया है। शिक्षा के क्षेत्र को प्रभावी बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
स्वास्थ्य विभाग की टीमें
इसके अलावा अजय कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का काम कर रही है. सरकार द्वारा किए गए कार्यों का ही परिणाम है कि आज मेवात जिला पिछड़ेपन से थोड़ा ऊपर उठ सका है। कोविड महामारी के दौर में भी यह जिला निरंतर विकास की ओर अग्रसर है। गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की लगातार जांच की जा रही है, उन्हें लगातार टीकाकरण व अन्य स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी जा रही है। उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में जिला पिछड़ेपन की सूची से बाहर आ जाएगा।