पुत्र की इजाजत के बगैर संपत्ति बेच सकता है पिता, Supreme Court ने किया क्लियर
Supreme Court :- पैतृक संपत्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक बड़ा फैसला सामने आ रहा है. जिसके तहत यह बताया गया है कि क्या पिता अपने बेटे की इजाजत बगैर प्रॉपर्टी भेज सकता है या नहीं आइए नीचे खबर में जानते हैं. कोर्ट की ओर से आए फैसले को विस्तार से देखते हैं.
54 साल पहले दायर एक याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पारिवारिक कर चुकाने या कानूनी जरूरतों के लिए यदि परिवार का मुखिया पैतृक संपत्ति भेजता है तो उत्तर या अन्य सुधारो उसे कोर्ट में चुनौती नहीं दे सकते कोर्ट ने कहा है कि एक बार यह सिद्ध हो गया कि पिता ने कानूनी जरूरतों के लिए संपत्ति बेची है तो हिस्सेदार इसे अदालत में चुनौती नहीं दे सकते..
कानून का प्रावधान
जस्टिस ए एम सपरे और एसके कॉल की पीठ ने कहा कि हिंदू कानून के अनुच्छेद 254 पिता द्वारा संपत्ति बेचने के बारे में प्रावधान है.
अनुच्छेद 254 (2) में प्रावधान है कि अचल पैतृक संपत्ति को भेज सकता है. वह पुत्र और पुत्र के हिस्से को कर्ज चुकाने के लिए भेज सकता लेकिन यह कर्ज भी पैतृक होना चाहिए.
पैतृक संपत्ति को कब बेचा जा सकता है
1.पैतृक कर्ज चुकाने के लिए भी की जा सकती है
2. संपत्ति पर सरकारी देनदारी होने पर बेची जा सकती है
3. परिवार के सदस्यों का भरण पोषण के लिए भी बेची जा सकती है
– पुत्र पुत्रियों के विवाह परिवार समारोह या अंतिम संस्कार के लिए भी संपत्ति को भेजा जा सकता है
– संपत्ति पर मुकदमे के लिए खर्च के लिए भेजी जा सकती संपत्ति
– संयुक्त परिवार के मुखिया के खिलाफ गंभीर आपराधिक मुकदमा के बाद बचाव के लिए बेची जा सकती है