बारिश से हुए नुकसान से किसानो को मिलेगी राहत, फसल नुकसान का नहीं हुआ Data अपलोड तो पटवारी तहसीलदार को करें सूचित
रेवाड़ी:- इस बार मुसल ने किसानों को बहुत नुकसान पहुंचा है मार्च म
हीने के दूसरे सप्ताह में दो बार बारिश के साथ साथ तेज ओलावृष्टि हुए जिससे फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा. इसके लिए सरकार ने किसानों को खराब हुई फसलों का मुआवजा देने के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल जारी किया है. इस पोर्टल पर आपका कितना नुकसान हुआ है इसकी जानकारी पोर्टल पर डालने के लिए ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिसमें किसान का खराब हुई फसल का Data अपलोड नहीं हो पा रहा है तो वह तुरंत अपने पटवारी या तहसीलदार को इस बात की जानकारी दें जिससे उनके नुकसान हुई फसल की भरपाई हो पाए.फिर से खोला पोर्टल
किसानों ने सरकार या बीमा कंपनियों से मुआवजा लेना है तो किसानों को मेरी फसल मेरा बीमा पोर्टल पर पंजीकरण करना जरूरी है. इस बार 35 परसेंट किसान अपनी फसलों का ब्योरा पोर्टल पर डालने में सफल रहे थे. इस पोर्टल पर फसलों का रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर राजस्व विभाग के क्षतिपूर्ति पोर्टल पर भी फसल नुकसान का डाटा अपलोड होना असंभव है. ये खबर आप haryananewstoday.com पर पढ़ रहे है. किसानों की समस्या को देखते हुए सरकार ने पोर्टल को फिर से खोल दिया है.
जो किसान रह गए हैं उन्हें पहले मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर फसलों का रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है. इसके बाद ही क्षति पूर्ति पोर्टल पर आपका फसल का डाटा अपलोड हो पाएगा. ऐसे किसानों को कृषि विभाग के कार्यालय में नुकसान का फार्म जमा करना जरूरी है. फिर इसके बाद ही कृषि विभाग और राज्यसभा की संयुक्त टीम सर्वे करते हुए बीमा कंपनियों को फसल के नुकसान से अवगत कराएगी.
वंचित किसान करे पटवारी से संपर्क
राजस्व विभाग का छतिपूर्ति पोर्टल कई गांव में नहीं चल पा रहा है क्योंकि यह तकनीकी खराबी है। ऐसे में फसल नुकसान से प्रभावित किसानों को अपने हलके पटवारी या तहसीलदार से संपर्क करना चाहिए. बहुत सारे किसानों के सामने यह समस्या भी आ रही है कि उन्होंने अपनी फसल का ब्यौरा सही तरह से अपलोड नहीं कराया. कई किसानों ने अपनी फसल का रकबा कम दिखाया है, लेकिन उनकी फसल का रकबा अधिक है, लेकिन उन्हें पंजीकृत फसल रखने के अनुसार ही मुआवजा दिया जाएगा. जो भी किसान बिजाई के अनुसार फसलों के पंजीकरण में कम जमीन दिखा चुके हैं मैं अब प्रशासन और सरकार से ही मुआवजा की उम्मीद है.
15 हजार किसान कर चुके हैं आवेदन
भारी बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान के बाद बीमा कंपनियों से मुआवजा लेने के लिए कृषि कार्यालय में लगभग 15000 किसान फार्म भर चुके हैं. पर अभी भी फार्म जमा कराने की डेट चल रही है. बीमा कराने से वंचित किसानों के लिए अब मुआवजा पाने के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल का ही सहारा है. किसानों ने लगभग 75 पॉइंट 5000 हेक्टेयर जमीन पर सरसों और 38000 एकड़ जमीन पर गेहूं की बिजाई की थी. बरसात और ओलावृष्टि के कारण फसलों को बहुत ही नुकसान हुआ है.