Chanakya Niti: पति को अपनी पत्नी से यह चार बातें नहीं बतानी चाहिए, नहीं तो हो सकता है घर बर्बाद
Chanakya Niti :- सनातन धर्म के अनुसार पति और पत्नी को जीवन साथी बताया गया है. जिनको मरते दम तक एक दूसरे के सुख और दुख में साथ निभाना है. Chanakya Niti ने में कहा गया है कि पति और पत्नी की खुशहाल जिंदगी को बनाए रखने के लिए पति को भूलकर भी चार बातें कभी भी अपनी पत्नी से Share नहीं करनी चाहिए, वरना आपका घर बर्बाद होते देर नहीं लगेगी.
चाणक्य नीति के अनुसार पति को नहीं बतानी चाहिए यह चार बातें
आज से सैकड़ों साल पहले जन्म लेने वाले आचार्य चाणक्य ने देश समाज राजनीति से जुड़ी कई ऐसी महत्वपूर्ण बातें कही थी जो आज की दुनिया में करोड़ों लोगों को मार्गदर्शन दे रही हैं. आचार्य चाणक्य जी ने अपने इन सभी बातों को नीति शास्त्र नाम की Book में स्थान दिया था. जिसे हम चाणक्य नीति के नाम से भी जानते हैं. इसी पुस्तिका में उन्होंने कहा है कि पुरुष को कभी भी अपनी इन चार बातों को पत्नी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए. इन बातों को छुपा कर रखने में ही फायदा है, नहीं तो गृहस्ती बिगड़ते देर नहीं लगेगी. आइए जानते हैं कि वह कौन सी चार बातें हैं जिन्हें हमें पत्नी से हमेशा छुपा कर रखनी चाहिए.
पति की कमजोरी
आचार्य चाणक्य जी का कहना है कि पुरुषों को हमेशा अपनी पत्नियों से अपनी कमजोरी को छुपा कर रखना चाहिए. ऐसा न करने पर विभिन्न मौकों पर Wife अपना काम निकलवाने के लिए आपकी कमजोरी का फायदा उठा सकती है. जिससे आपको सार्वजनिक जिंदगी में लज्जित होना पड़ सकता है.
कमाई
चाणक्य नीति के अनुसार हर एक पति को अपनी कमाई का पूरा ब्यौरा अपनी पत्नी को नहीं देना चाहिए. इसकी वजह से यह है कि पति की सही आमदनी के बारे में जानकर वह उस पर अपना हक जमा लेती है और उसे खर्च करने से रोक नहीं पाती. जिससे पति को एक-एक पैसे के लिए भी तरसना पड़ सकता है.
दान
आचार्य चाणक्य के मुताबिक दान हमेशा गुप्त रूप से देना चाहिए. अगर आप किसी को दान दे रहे हैं तो इस बात का किसी को अंदाजा नहीं होना चाहिए, यहां तक कि अपनी पत्नी को भी नहीं बताना चाहिए कि आपने कहां पर कितना दान दिया है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो उस दान का कोई मोल नहीं रह जाता है और आपका सारा पुण्य फल व्यर्थ हो जाता है.
अपमान
चाणक्य नीति में यह भी कहा गया है कि अपने अपमान के बारे में भूलकर भी कभी अपनी पत्नी को नहीं बताना चाहिए. इसकी वजह यह है कि कोई भी पत्नी अपने पति का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती हैं. ऐसे में विवाद शांत होने की वजह और भी ज्यादा बढ़ सकता है, जिसका खामियाजा पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है.