Taj Mahal बनाने के बाद मजदूरों के हाथ काटने की बाते थी झूठी, कुछ ऐसी हैरान कर देने वाली बातें…
दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल से जुड़े कुछ ऐसे आश्चर्यजनक तथ्य हैं, जिसके बारे में लोग आज भी नहीं जानते। यहां हम आपको इस खूबसूरत स्मारक से जुड़े कुछ ऐसे ही राज बताने जा रहे हैं, जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
ताजमहल एक खूबसूरत स्मारक है। इसे केवल पर्यटन स्थल के रूप में देखना सही नहीं होगा, बल्कि यह वो इमारत है, जो मुगल काल का प्रतिनिधित्व करती है। इतना ही नहीं यह पति-पत्नी के बीच अपार प्रेम का भी प्रतीक है। ताजमहल इतना सुंदर है, कि इसे देखते ही लोगों को इससे प्यार हो जाता है। यही वजह है कि हर साल लाखों लोग इस अद्भुत स्मारक को देखने के लिए आगरा पहुंचे हैं। आप ने अब तक ताजमहल के बारे में काफी कुछ सुन रखा होगा, लेकिन आज हम आपको इससे जुड़े ऐसे तथ्यों के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में अब तक आपने न तो सुना होगा और न ही कहीं पढ़ा होगा। यहां इसके बनने से पहले से लेकर इसके विश्व धरोहर घोषित होने और संरक्षण तक की पूरी कहानी जान पाएंगे।
शाहजहां की तीसरी पत्नी थी मुमताज –
जिस शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज के लिए ताजमहल बनवाया, वह उनकी तीसरी पत्नी थी। चौदहवें बच्चे को जन्म देने के बाद मुमताज महल की मौत हो गई थी। बताते हैं कि अपनी बीवी की माैत के बाद शाहजहां इतने टूट गए थे, कि कुछ ही दिनों में उनके बाल और दाढ़ी सफेद हो गई थी। इसके बाद उन्होंने ताजमहल का निर्माण कराया, जिसे दुनिया का अजूबा कहा जाता है।
हम सब अब तक यही जानते हैं कि यहां मुमताज का मकबरा है, लेकिन सच तो यह है कि यहां पर शाहजहां का मकबरा भी बना हुआ है। हालांकि आज भी ताजमहल को मुमताज के मकबरे के रूप में ही जाना जाता है।
कुल 3 करोड़ की लागत –
उस समय ताजमहल के निर्माण की लागत 3.2 करोड़ रुपए आंकी गई थी। आज इस कीमत में एक कोठी ही बनकर तैयार हो जाती है।
बाहर से आए थे कारीगर –
ताजमहल को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि इसका निर्माण यूं ही नहीं हुआ। इसके निर्माण के लिए राजमिस्त्री, पत्थर काटने वाले, बढ़ई, चित्रकार, गुंबद बनाने वाले और अन्य कारीगरों को पूरे मुगल साम्राज्य, मध्य एशिया और ईरान से बुलाया गया था। इसके मुख्य वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी थे। ऐतिहासिक दस्तावेजों की मानें, तो ताजमहल को बनाने में 20,000 कारीगर लगे थे।
मुमताज ने लिए थे चार वादे –
किवदंती है कि मुमताज ने शाहजहां से चार वादे लिए थे। पहला वे ताजमहल का निर्माण करेंगे, दूसरा उनकी मौत के बाद वे शादी करेंगे, तीसरा बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करेंगे और चौथा उनकी हर पुण्यतिथि पर मकबरे का दौरा करेंगे। हालांकि, स्वास्थ्य खराब होने के कारण वो अपना आखिरी वादा नहीं निभा सके।
रंग बदलता है ताजमहल –
क्या आप जानते हैं कि ताजमहल दिन में कई बार अपना रंग बदलता है। ताजमहल सफेद संगमरमर से बना है, इसलिए जब इस पर सूरज की रोशनी पड़ती है तो यह पीले रंग का हो जाता है। वहीं शाम होते ही यह नीले रंग का दिखाई देने लगता है।