Private शिक्षक का वेतन 20 हजार परिणाम 100 प्रतिशत, सरकारी शिक्षक का वेतन 80 हजार परिणाम फीका
करनाल:- हरियाणा सरकार राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रही है। राज्य के 10वीं से 12वीं के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के सुधार के लिए शिक्षा विभाग और हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड (एचबीएसई) भिवानी मिलकर काम कर रहे हैं। पिछले कई सालों से बच्चों के परीक्षा परिणाम उम्मीद के मुताबिक नहीं आ रहे थे, इसलिए सरकार ने यह अहम कदम उठाया है। शिक्षा विभाग की टीम स्कूलों का दौरा कर निरीक्षण कार्य कर रही है।
शिक्षा विभाग की टीमें स्कूलों का निरीक्षण कर रही हैं
जानकारी के लिए बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग की टीमों ने 750 स्कूलों का दौरा किया, जिनमें से 38 स्कूल ऐसे मिले जिनका परीक्षा परिणाम 15 फीसदी से कम रहा. राज्य के ऐसे 550 स्कूलों की सूची तैयार की गई है जिनके नतीजे बहुत कम रहे हैं. अंबाला, नूंह और यमुनानगर जिलों में शिक्षा के सुधार के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि यमुनानगर जिले का वर्ष 2022 का परीक्षा परिणाम पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर आया है. प्रदेश का सबसे अच्छा जिला कहा जाने वाला पंचकूला हिंदी विषय में भी सबसे खराब निकला।
कुछ स्कूलों का रिजल्ट बेहतर नहीं आ रहा है
स्कूल शिक्षा विभाग की टीम के सदस्यों ने बताया कि कुछ स्कूलों के प्रधानाध्यापक खुद क्लास नहीं लेते हैं और दूसरे शिक्षकों को काम पर लगा देते हैं. जिसकी वजह से शिक्षक क्लास नहीं ले पा रहे हैं और नतीजा बहुत खराब है। निरीक्षण के दौरान कुछ स्कूल प्रबंधन समितियों ने सुझाव दिया कि शिक्षकों को बच्चों के रिजल्ट के अनुसार ही वेतन दिया जाना चाहिए. निजी स्कूलों के शिक्षक 20 हजार रुपये वेतन लेकर भी शत प्रतिशत परिणाम देते हैं। जबकि सरकारी शिक्षक 50 से 60 हजार वेतन मिलने के बाद भी बेहतर परिणाम नहीं ला पा रहे हैं।
बच्चों को प्लानिंग के साथ पढ़ाने का आदेश
स्कूल शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. महावीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि रोहतक, सोनीपत, चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ में हर साल बेहतर परिणाम आते हैं. इन जिलों में कई ऐसे स्कूल हैं जो निजी स्कूलों को भी टक्कर दे रहे हैं। वहीं कुछ जिले ऐसे भी हैं जिनका रिजल्ट हमेशा कम रहता है। इसलिए उन्होंने करनाल जिले में प्रदेश के सभी प्रधानाध्यापकों की बैठक बुलाई और सभी प्रधानाध्यापकों से कहा कि जिन स्कूलों का रिजल्ट कम आ रहा है. उन्हें प्लानिंग के साथ काम करना चाहिए और बच्चों के लिए बेहतर परिणाम लाने की कोशिश करनी चाहिए।